shabda-sankalan
Saturday, May 12, 2012
सदैव परम आदरणीय, प्रातः स्मरणीय,अत्यंत सम्माननीय, अत्यंत विवेकशील, अत्यंत मृदु भाषी, अत्यंत पूजनीय, जैसे शब्द-अलंकरण से किसी की भी अवरोधक या प्रतिरोधक क्षमता का क्या क्षीण हो जाना संभव है .. मैं सोच रहा था ..
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