Saturday, May 12, 2012

बात पिछले दिनों की है कि मैंने कुछ चेहरे तैल-चित्र में बनाये थे . सभी काल्पनिक थे . उनमें से कुछ आकर्षक व कुछ तो किसी को भी (घर में) पसंद नहीं आ रहे थे . लेकिन ये चेहरे उत्पत्ति थे शायद मेरे अर्ध-चैतन्य चिंतन के .. और वैसे भी ये मेरा बस एक प्रयोग था . इस प्रयोग में जो चेहरे आकर्षक नहीं लग रहे था .. मेरा यकीन मानिये कि ये अनाकर्षक चेहरे कुछ लोगों को इतने पसंद आये कि उनने उसे ज़िद कर रख लिया . मैं सोच रहा था .. कि कोई किसी को नापसंद तो वही किसी को बेहद पसंद हो सकता है ..

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