Monday, November 8, 2010

बातें ..

एक - वह तो कपटी है .. अंदर से कुछ तो बाहर से कुछ और ..
दूसरा - क्या तुम्हे नारियल पसंद है ..
एक - हां .. बेहद .. लेकिन ये नारियल को बीच में क्यों ले आये .. क्या मेरी बात .. तुम्हें पसंद नहीं आई ..
दूसरा - बात मेरी पसंदगी या फिर नापसंदगी की नहीं है .. मैं तो यह कहना चाह रहा था कि, सभी कुछ प्राकृतिक है .. लोगों का व्यवहार भी .. शायद उसका व्यवहार भी जो बाहर से कुछ और तो अंदर से कुछ और .. कुछ-कुछ .. शायद नारियल की तरह .. । कोई फल किसी को पसंद है तो किसी और को कोई और फल .. ।
कोई दो थे .. बातें कर रहे थे .. मैं .. तीसरा .. भी वहीं था .. मैं सुन रहा था .. मैं सोच रहा था .. ।

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