Tuesday, July 27, 2010

thoughtful dispatch by Ravi Chaudhary ..

Ravi Chaudhry had written a thoughtful dispatch .. on face book -
No one will ever remember, how you look, speak or what you did ..
The only thing MOST will remember throughout is that how you made them FEEL ..

sms from vikku ..

Vikku ( I always call him by his घर का नाम ) is always sending me good and thoughtful messages -
ONCE A WISE MAN ASKED GOD : WHAT IS THE MEANING OF LIFE .. ?
GOD : LIFE ITSELF HAS NO MEANING IN IT .. LIFE IS AN OPPORTUNITY TO CREATE MEANING ..

Sunday, July 25, 2010

आज किसी से सुना ..

कोई किसी से कह रहा था ..
Just by the superficial observation .. one must not form any opinion .. as one may loose the opportunity ..
मैं सुन रहा था .. मैं सोच रहा था ..

Saturday, July 24, 2010

चिंता भी .. चिंतन भी ..

कभी ऐसा भी होता है कि हमें रास्ते चलते कोई चेहरा अपना लगता है तो कभी रास्ते में कोई ऐसा चेहरा नज़र आ जाता है जिस पर नजर पड़ते ही गुस्सा सा आने लगता है जबकि उस अनजान चेहरे ने अपना कुछ भी नहीं बिगाड़ा होता है .. कोई मुझसे कह रहा था .. न जाने ऐसा क्यों लगता है .. वे आगे कहने लगे - जब किसी से कोई बैर नहीं तो फिर क्या सोचना .. लेकिन जब कोई आत्मसात करता कोई चेहरा दिखकर गायब हो जाता है तो फिर कुछ तकलीफ तो होती है .. । उनकी बातें / मैं सुन रहा था / मैं चिंतन कर रहा था / मैं चिंतित हो रहा था / मैं सोच रहा था ..

किस्मत और हौसला ..

मैं तो ब्लाग में लिखते जाना चाहता हूं .. जो और जब महसूस करता हूं अपने अंदर या फिर इर्द-गिर्द होती हलचलों के परिणाम स्वरूप -
वे लोग जो स्वयं से होकर अवसर खोते हैं बाद में कहते फिरते हैं कि काश जिंदगी ने हमें मौका दिया होता .. लेकिन हौसले की कमी से वे महरूम हो जाते है .. सफलता से और फिर सारा का सारा मढ़ देते हैं .. किस्मत पर ।

Friday, July 23, 2010

चिंता भी और चिंतन भी ..

मैं लोगों को हर वक्त धैर्य रखने की सलाह देता रहता हूं लेकिन मुझे लगता है कि जैसे मैं कभी जरूरत से ज्यादा अधीर हो जाता हूं .. आज इस ब्लाग को लिखते समय .. मैं चिंतित था .. और अपनी इस अधीरता की वजह पर चिंतन कर रहा था .. मैं सोच रहा था ..

कल और आज ..

मुझे आज लगा कि जो मैंने पहले लिखा था कि आने वाले कल में tomorrow में 0 तीन बार है .. सो हतोत्साहित होने की आवश्यकता नहीं है .. वह लिखी बातें .. अब ऐसा लगता हैं कि जैसे अपूर्ण है और आज मैं इस बात को भी याद करता हूं कि - काल करै सो आज कर और आज करै सो अब .. क्योंकि opportunity में o .. tomorrow से कम ही आता है .. यह बात मेरे blog को पढ़कर किसी ने मुझे कहा और कहा कि मैं इसे भी blog में लिख दूं ..

Thursday, July 22, 2010

positivity ..

alphabet O stands for opportunity - which is absent in yesterday .. present once in tOday .. but thrice in tOmOrrOw .. so never loose hope ..
This was the message received a few days back .. I add to this - be hopeful always and go on searching and establishing new reasons to enhance your positivity and hope .. just avoid the negative thinkig process at the very begining .

ज़िंदगी ..

I have seen people, submitting their photographs to any of the web .. perhaps just to impress others that they have visited so many places .. यही शायद उनकी ज़िंदगी का एकमात्र लक्ष्य होता है .. what a beutiful photograpgh .. wou .. अच्छा तो तुम यहां भी हो आये .. वाह क्या बात है .. । बस यहीं तलक सिमटकर रह जाती है .. ज़िंदगी उनकी । बाद में .. लम्बे अंतराल के बाद में .. nostelgia .. जो उनके खुद के लिये है । कुछ कर गुजर जाने की तमन्ना क्यों नहीं होती है लोगों में .. मैं सोच रहा था .. । कुछ ऐसा कर गुजर जाने की तमन्ना कि जो स्वांतः सुखाय से कहीं उपर हो .. । कई पीढ़ीयों तक लोग याद रखें .. ।

Wednesday, July 21, 2010

अभिव्यक्ति ..

हर चीज बोलती है .. इर्द-गिर्द .. और .. सर से लेकर पांव तलक .. हर तरफ .. सभी कुछ .. कभी कहीं कुछ तो .. कभी कहीं कुछ .. तो .. कभी बहुत कुछ .. बात दरअसल अपने-अपने चिंतन की है .. अपने-अपने रूचि की है .. किसी को पेड़-पौधे अच्छे लगते हैं .. प्रकृति अच्छी लगती है .. कोई इस पर काव्य-रचना करता है .. उसे कोई चित्रित करता है .. तो कोई पोट्रेट बनाता है .. कुल मिलाकर बात अपने-अपने रूचि की है .. देखने .. सुनने से लेकर चिंतन व उसके बाद .. अभिव्यक्ति तलक ।
मैं कैनवास पर चित्र बना रहा था .. मैं सोच रहा था .. फिर मैंने शाब्दिक अभिव्यक्ति का सहारा लिया .. मैं सोच रहा था .. मेरी रूचि किसमें है .. मैं सोच रहा था .. मुझे लगा कि वक्त बोलता है और अनुभूति व्यक्तिगत होती है .. और अभिव्यक्ति भी .. रूचि भी ..

courage ..

tubular vision is one of the reasons .. that reduces or at times .. eliminates the inner courage element .. and .. results in killing the inner ..

truth of life .. I think .. it is the ..

There are situations that comes in your life but .. किसमें इतना साहस है कि वह साफ-साफ लिख सके .. ऐसे अनेक कारण होते हैं जहां चाहते हुए भी हम कुछ नहीं लिख सकते .. that is why .. इसलिये .. observing the so many unavoidable situations .. one may not be able to write about the inside .. this is so true that कोई एक हैं जिन्होने अपने autobiography के बारे में कभी कहा कि कोई साफ-साफ व सही-सही अपने बारे में लिख नहीं सकता .. मैं तो इससे सहमत हूं .. और कोई इस बात से सहमत होता है या नहीं यह उस व्यक्ति की अपनी सोच है .. सो किसी भी autobiography को पूर्ण रूपेण आत्म-कथा कहना न तो सही है और न ही उचित .. any autobiography .. may be a window view .. खिड़की से दिखाई देने वाला सच .. सच का केवल उतना ही हिस्सा .. जो खिड़की से दिखाई देता है ..

the jolt ..

At times .. all of a sudden .. you find a situation that gives a jolt .. a kick or a strong push to your life resulting in a process that boosts your energy level .. But .. if you are lucky enough then only you will be able to recognise this jolt .. Believe me that this comes out with a positive change in your life .. Relating this .. there are examples I have experienced in my life and seen in other life also and read in books also .. Reading in books may not carry that effect as if you realise or experience in your own life .. This may comprise any situation that can be described by .. anything from first letter A of alfabet to the last letter Z of alfabet .. or may any letter from middle .. may be R or J or N or S or any other .. This has no shape .. no form .. and nothing can be said .. also .. no way this can be defined .. Well .. this much I know and understand that .. this can bring you out of any distress by providing an unknown strength .. within you ..

Tuesday, July 20, 2010

ego ..

I think .. this is the EGO .. which is the route cause of many trobles .. many problems .. this .. I observe .. यह जानते हुए भी कि किसी के महान कहने से कोई महान नहीं हो जाता .. तो फिर किसी के नीचा दर्शाने वाले शब्दों से कोई क्यों आहत होता है ..

Thursday, July 15, 2010

Octopus predictions turned true .. well .. there is nothing to say .. as a lot have been told and discussed about .. and still continued .. written in many news papers ..

Friday, July 9, 2010

आक्टोपस और भविष्यवाणियां ..

विश्व कप फुटबाल में स्पेन व निदरलेंड फायनल में पहुंचे है व तीसरे स्थान के लिये जर्मनी व उरूग्वे के बीच मुकाबला होना है । पाल नामक जर्मनी के इस आक्टोपस ने स्पेन के विश्व विजेता होने व जर्मनी के तीसरे स्शान को काबिज कर लेने की भविष्यवाणी की है । फुटबाल को एक कमर्प्रधान खेल की श्रेणी में रखा जा सकता है । भाग्य पर कुछ ज्यादा ही विश्वास करने वाले कुछ लोगों ने आक्टोपस का उपयोग व प्रयोग कर, भाग्य को एक नये आयाम के साथ फुटबाल के साथ जोड़कर एक बार फिर शायद यह जताने की कोशिश की है कि भाग्य ही सवोर्परि है । इस तरह की कोई भी घोषणा खिलाड़ियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना सकती है जिसका असर खेल के नतीजों पर भी पड़ सकता है । कभी तो ऐसा भी होता है कि अतिविश्वास किसी भ्रम को पनाह दे देता है जो नाकामयाबी का सबब बन जाता है तो कभी ऐसी घोषणाएं हौसलों को बढ़ा देती हैं और किसी स्तर पर आत्मविश्वास को टूटने से बचा भी लेती हैं । इसलिये ऐसी घोषणाओं का क्या असर होगा यह कह पाना मुश्किल है । किसी अखबार में मैंने पढ़ा कि सिंगापुर के किसी व्यक्ति के पास मणि नाम का कोई तोता है जो भविष्यवाणियां करता है । इस तोते के द्वारा की गई भविष्यवाणि के अनुसार नीदरलेंड 2010 की विश्व विजेता टीम होगी । खैर यह सब तो बहस का मुद्दा है । कुल मिलाकर कर्म ज्यादा महत्वपूर्ण तो है ही । कर्म में निश्चितता है कि आपका परिणाम काफी हद तलक आपके कर्म के सापेक्ष होगा लेकिन भाग्य तो इत्तेफाकन है ।